कैलाश बाबू योग

यह ब्लॉग योग की सटीक जानकारी देने के लिए है। योगाभ्यास करने के लिए किसी योग्य योग गुरु का परामर्श आवश्यक है।

सोमवार, मई 03, 2021

पदम आसन विधि, लाभ और सावधानियां Padam Asana Method, Benefits and Precautions


आसनों का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम लंबी गहरी तीन से चार सांस लें, अपने शरीर को शिथिल करें और सहज अवस्था में आने का प्रयास करे।


 खड़े होकर प्रणाम आसन लगाएं और किसी एक वैदिक मंत्र का उच्चारण करें। उसके बाद ईश्वर से प्रार्थना करें, हे ईश्वर है, परमपिता परमात्मा मैं योगासनों का अभ्यास करने जा रहा हूं। मेरे शरीर में योगासनों का संपूर्ण लाभ प्रदान करने की कृपा करें। अगर सुबह योगासनों का अभ्यास कर रहे है तो सूर्य देव को प्रणाम करें। उसके बाद योगासनों का अभ्यास प्रारम्भ करे…



 पदमासन lotuspose


 पदम अर्थात कमल, कमल को संस्कृत में पदम कहा जाता है। इस आसन में शरीर की बनावट कमल के फूल की तरह हो जाती है।


 यह ध्यान और प्राणायाम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ आसन है क्योंकि इसमें लंबे समय तक बिना किसी थकावट के कमर सीधी कर बैठा जा सकता है।


विधि Method





  • पद्मासन लगाने के लिए दोनों पैर सीधे कर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। 


  • अब अपना दांया(right) पैर बायीं(left) जंघा पर और बाया पैर दाई जंघा पर रखे। हाथों को ज्ञान मुद्रा या अंजलि मुद्रा में रखे। ऐसा करने से पद्मासन लगता है।


  • ध्यान रहे आपके दोनों घुटने जमीन से स्पर्श करते रहे।


  • अब अपने संपूर्ण शरीर को स्थिर करें। रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल डंडे के समान सीधा रखें। अपने संपूर्ण शरीर का अवलोकन करें। 


  • उसके बाद स्थिर होकर आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाएं। अपनी आती और जाती स्वास के प्रति सजग हो जाये।


  • पद्मासन में लंबे समय तक बैठते समय अपने पैरों को बदल सकते है।


  • प्रारंभ में पद्मासन लगाने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। उसके लिए सूक्ष्म व्यायामो का अभ्यास करना चाइये। जिसमें पैरों को रोटेट करना, आगे पीछे करना, घुटने घुमाना, तितली आसन का अभ्यास करना… इत्यादि।


  •  अगर फिर भी पद्मासन लगाने में  असहजता महसूस हो तो अर्ध पद्मासन में बैठ सकते है। अर्ध पद्मासन में एक पैर जांग के ऊपर और एक पैर जांग के नीचे रहेगा।


  • कुछ दिन अर्ध पद्मासन का अभ्यास करने से पद्मासन सहजता से लगने लगेगा।


लाभ benifits


  • पद्मासन ध्यान और प्राणायाम के लिए सर्वश्रेष्ठ आसन है


  • पद्मासन शारीरिक मानसिक स्थिरता लाने में सहायक है।


  •  शरीर में स्थिरता आने से मन स्थिर होता है, जो ध्यान का पहला आधार है।


  •  पद्मासन में जनन इंद्रियों पर दबाव पड़ने से उन में स्थिरता आती है। जिस कारण ऊर्जा मूलाधार चक्र से उठकर सहस्रार की और गति करने लगती है। जिससे ध्यान की अनुभूति होती है।


  •  उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए अति उत्तम आसन है।


  •  पैरों को क्रॉस करने से निचले हिस्से में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। जिससे पाचन तंत्र के अंगों को अतिरिक्त रक्त मिलने लगता है। जिससे हमारे पाचन तंत्र के अंग अधिक सक्रिय हो जाते हैं और जठराग्नि प्रदीप्त होती है।


 सावधानियां Precautions


  •  जिन लोगों की रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में दर्द है (साइटिका) कमर में किसी भी तरीके का दर्द होने पर।


  •  घुटनों में दर्द है या चोट लगी हो। 


  • अंडकोश बड़े होने की स्थिति में पदमासन का अभ्यास नही करना चाइये


कैलाश बाबू योग 


धन्यवाद

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