वज्रासन vajrasana
खाना खाने के बाद एक मात्र आसन वज्रासन और एकमात्र उज्जाई प्राणायाम किया जा सकता है। आज मैं आपको वज्रासन की संपूर्ण विधि लाभ और सावधानियां बताऊंगा, यह भी बताऊंगा कि वज्रासन खाना खाने के बाद कैसे कार्य करता है।
विधि Method of vajrasana
कोई भी आसन करने से पहले अपने संपूर्ण शरीर, मन और वाणी को स्थिर करें। आपके शरीर की स्थिरता के साथ मन और वाणी की स्थिरता भी जरूरी है। अन्यथा वह योगासन ना रहकर साधारण व्यायाम ही बनकर रह जाएगा, और आपको योग का लाभ नहीं मिलेगा।
- दोनों पैरों को आगे सीधा कर, कमर सीधी कर, दंडासन में बैठ जाएं।
- दोनों पैरों को दाएं तरफ से घुमाते हुए नितंबों के नीचे लगा दे।
- एडिया खुली रखे, पंजे गिरा दे। कमर सीधी आंखें बंद मन शांत, हाथों को दोनों घुटनों पर लगाकर रखें।
- हथेलियां जमीन की तरफ, कमर एकदम सीधी, चेहरा, रीढ़ की हड्डी... तनावमुक्त रखें। सामान्य श्वसन क्रिया करते हुए अपनी सजगता नासिका के दोनों छिद्रों पर आती और जाती स्वास पर रखे।
सावधानियां Precautions of vajrasana
- जिनके घुटनो में दर्द है। कमर के लोअर बैक में दर्द है। वे इस आसन का अभ्यास ना करें।
- अपनी कमर हमेशा सीधी रखे। गर्दन को नीचे ना झुकाये। हाथों को अंजलि मुद्रा या घुटनों पर लगा कर रखें।
- घुटनों टखनों और जांग में दर्द होने पर आसन का अभ्यास अधिक देर तक नहीं करना चाहिए।
- जो लोग पद्मासन और सिद्धासन का अभ्यास नहीं कर सकते है, उनके लिए वज्रासन ध्यान के लिए अच्छा आसन है।
- वज्रासन में अधिक समय तक बैठने के लिए नीचे कंबल चटाई या मेंट बिछा लेना चाहिए।
- मन शांत कर स्वास पर ध्यान लगाएं, इधर-उधर के विचार मन में ना आने दे, शरीर में स्थिरता लाएं। अगर आप ऐसा नहीं करते है तो, वह आसन ना रहकर एक शारीरिक व्यायाम ही रह जाएगा।
वज्रासन कार्य कैसे करता है। How does vajrasana work
जब हम पैरों को घुटनों से मोड़कर जमीन पर बैठते है तो, कमर से नीचे के हिस्से में हमारे रक्त की सप्लाई कम हो जाती है। हमारी आंतो और पाचन तंत्र के अंगों को रक्त की पूर्ति अधिक होने लगती है। जिस कारण पाचन तंत्र के समस्त अंग अच्छे से कार्य करने लगते है।
आपने सुना होगा कि भारतीय संस्कृति में सुखासन में बैठकर खाना खाने की नसीहत दी जाती है। यह इसीलिए कहा जाता है क्योंकि घुटने मोड़ने से कमर से नीचे के हिस्से में रक्त की सप्लाई कम हो जाती है। जिससे पाचन तंत्र के अंगों को अधिक से अधिक रक्त मिलेने लगता है। वज्रासन में सुखासन से अधिक रक्त की सप्लाई नीचे जाना बंद हो जाती है और पाचन तंत्र के अंगों को और अधिक रक्त मिलने लगता है। जिससे वे और अधिक अच्छे से कार्य करते हैं।
खाना खाने के बाद के 8 से 10 मिनट बहुत ही महत्वपूर्ण होते है। उस समय हमारे शरीर की ग्रंथियां खाने में भिन्न-भिन्न प्रकार के रासायनिक रस और लार मिलाती है। जिससे हमारा खाना पचता है। अगर आप उस समय वज्रासन में बैठकर अपने पाचन तंत्र को अधिक रक्त सप्लाई देते है। तो पाचन तंत्र अच्छे से कार्य करता हैं और आपका खाना बहुत अच्छे से पचता है।
लाभ benifit of vajrasana
- जिन व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत रहती है वे खाना खाने से पहले 10 मिनट और खाना खाने के बाद 10 मिनट अगर वज्रासन में बैठते है तो, कुछ ही दिनों में उनकी पाचन शक्ति बहुत अच्छी हो जाएगी।
- वज्रासन लगाने से हमारा शरीर वज्र के समान मजबूत, कठोर और स्थिरता प्राप्त करता है।
- वज्रासन हर्निया शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बवासीर में भी आराम पहुंचाता है।
- प्रजनन तंत्र के अंगों में रक्त प्रवाह को घटाकर उन्हें पोषण प्रदान करता है। और उनकी तंत्रिका तंतुओं की मालिश करता है। इस कारण पुरुषों के अंडकोष ग्रंथि की वृद्धि और हाइड्रोसिल जैसी बीमारियों में कारगर है।
- महिलाओं में प्रसव और मासिक स्राव में यह बहुत ही उपयोगी आसन है।
- वज्रासन ध्यान के लिए महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। क्योंकि इसमें अनायास ही कमर सीधी रहती है।
- यह वज्र नाड़ी को उत्तेजित करता है और अध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।
- वज्रासन में सूर्यभेदी प्राणायाम करने से विशेष लाभ होता है।
विशेष special of vajrasana
अपने नासिका में स्वर की जांच करें, अगर आपका बाया स्वर अधिक प्रबल है तो, बाएं पैर का अंगूठा ऊपर और दाएं पैर के अंगूठे को नीचे रखे, वहीं अगर आप का दायां स्वर प्रबल है तो, दाएं पैर का अंगूठा ऊपर और बाएं पैर का अंगूठा नीचे रखें।
ऐसा करने से आपके स्वर में संतुलन पैदा होगा और ध्यान एकाग्र होगा...
कैलाश बाबू योग
#kailashbabuyoga
धन्यवाद
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