कैलाश बाबू योग

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गुरुवार, जून 04, 2020

ताड़ासन कैसे करे How to do Tadasana


ताड़ासन विधि, लाभ और सावधानियां...

ताड़ासन (लंबाई बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम आसन)

प्रत्येक आसन किसी न किसी जीव-जंतु पेड़-पौदे या किसी ऋषि के नाम पर होता है और उसी के गुण उस आसन को करने से प्राप्त होते है। इसी में से एक है ताड़ासन, जिसका नाम ताड़ वृक्ष के नाम पर पड़ा है। ताड़ का वृक्ष बहुत लंबा, एकदम सीधा और बहुत ही जल्दी बढ़ने वाला होता है। ताड़ासन का अभ्यास करने से इसके सभी गुण हमारे अंदर आ जाते है।

ताड़ासन कैसे करे How to do Tadasana

ताड़ासन देखने में जितना आसान है, करने में उतना ही कठिन है। क्योंकि यह एक संतुलन का खड़े होकर किया जाने वाला आसन है और संतुलन के आसन करने के लिए समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है। 

ताड़ासन कैसे करें

दोनों पैर परस्पर मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं। हाथ सावधान मुद्रा में, आंखें बंद, मन, शरीर और अपनी आत्मा को शिथिल करें। थोड़ी देर के लिए अंतरमोन हो जाए। 2 से 3 स्वास के बाद आंखें खोले।

 स्वास भरते हुए दोनों हाथों को चील के पंखों की तरह साइड से उठाते हुए ऊपर ले जाएं, हथेलियां दोनों आमने-सामने रहेंगी, उसके बाद अपनी एड़ियों को उठा दे और अपने सारे शरीर का भार पंजो पर ले आए। पेट और पीठ की मांसपेशियों को ऊपर की तरफ खींच कर रखें। यह ताड़ासन की स्थिति है।

 स्वास नॉर्मल रखें, सहज ही चलने दे। 

वापस आते समय, पहले एड़ियों को जमीन पर रखे, फिर स्वास छोड़ते हुए, दोनों हाथों को चील के पंखों की तरह नीचे लाते हुए जांघ से सटा दें, ध्यान रहे हाथ और जांग के स्पर्श की आवाज ना आने पाए।

अपने हाथों की उंगलियों को फंसा कर हथेलियों वाला हिस्सा आसमान की तरफ भी रख सकते हैं। ऐसा करने से संतुलन बनाने में आसानी होती है।

ताड़ासन लगाने के बाद संतुलन बनाने की कोशिश करें। बार-बार आपका संतुलन बिगड़ेगा आपको संतुलन बनाने की कोशिश करनी है। शुरू- शुर में कुछ सेकेंड के लिए ही संतुलन बनेगा, उसके बाद धीरे-धीरे जैसे-जैसे आपका अभ्यास बढ़ता जाएगा आसन का समय बढ़ता जाएगा। 

ताड़ासन का लाभ लेने के लिए कम से कम 30 सेकंड और अधिक से अधिक 3 से 5 मिनट तक तड़ासन का अभ्यास करना चाहिए।

लाभ

  •  यह हमारी हाइट बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा आसन है। इससे हमारे संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है। विशेषकर हमारी पेट, पीठ और पंजो पर दबाव पड़ता है।

  • यह शारीरिक मानसिक संतुलन को विकसित करने में मदद करता है।

  • रीढ़ की हड्डी में संपूर्ण खिंचाव और ढीलापन लाता है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी के जहां से स्नायु निकलते हैं उनके अवरोध को दूर करता है।

  • सुबह सुबह खाली पेट गुनगुना पानी भर पेट पीकर ताड़ासन का अभ्यास करने से पेट के समस्त रोगों का नाश होता है।

  • यह मलाशय और अमाशय की मांसपेशियों और आंतों में खिंचाव पैदा कर उन्हें शक्ति प्रदान करता है।

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