कैलाश बाबू योग

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रविवार, मई 30, 2021

मंडूक आसन योग विधि, लाभ और सावधानियां Mandook Asana Yoga Method, Benefits and Precautions

 मंडूक आसन योग विधि, लाभ और सावधानियां

Mandook Asana Yoga Method, Benefits and Precautions


कोई भी आसन किसी न किसी जीव-जंतु, पेड़-पौधे या किसी ऋषि-मुनि के नाम पर होता है। जिस आसन का अभ्यास हम करते है, उसी के गुण हमारे शरीर में आने लगते है...


 इसी तरह से मंडूकासन एक मेंढक के नाम पर रखा है। मंडूक अर्थात मेंढक, इसको इंग्लिश में फ्रॉक पोज भी बोलते है। 



mandukasana



विधि Method


  • किसी भी योगासन का अभ्यास करने से पहले अपने संपूर्ण शरीर को शिथिल करें और दो से तीन बार अपनी आती और जाती स्वास को देखें व उसे लयबद्ध करें। उसके बाद आसन करने के लिए तैयार हो जाएं…
                                     
  • मंडूकासन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम वज्रासन में बैठ जाएं।


  •  शरीर की समस्त मांसपेशियां शिथिल करने के बाद अपने दोनों हाथों की मुट्ठी इस तरह बनाएं अंगूठा अंदर की तरफ रहे

  •  अंगूठे वाला हिस्सा नाभि के दाएं और बाएं रखें।

mandukasana pre pose

  •  ध्यान रहे दांये हाथ की मुट्ठी नाभि के दायें तरफ और बाएं हाथ की मुट्ठी नाभि के बाएं तरफ रहे। नाभि दोनों मुट्ठियों के बीच में आ जाए।


  •  फिर दोनों नासिका से श्वास भरें और श्वास छोड़ते हुए आगे झुके।


  •  आगे झुकते हुए आपके पेट पर दबाव बढ़ेगा दबाव इतना ही बनाए जितनी सहनशीलता हो, अनावश्यक दबाव ना डालें।


  •  अंत में गर्दन को उठाकर रखें अन्यथा आप को चक्कर आ सकता है।


  •  अंतिम स्थिति में आते ही स्वास सामान्य कर दें और यथासंभव अपनी क्षमता के अनुसार 30 सेकंड से 1 मिनट तक रोकने का प्रयास करें।


  •  धीरे-धीरे इस समय को बढ़ाकर 3 से 5 मिनट तक कर सकते है। 


  • अंत में श्वास भरते हुए वज्रासन में वापस आ जाएं।


  •  अंत में मुट्ठियों को हटाए व हाथों की उंगलियों को खोलकर घुटनों पर रखें।


  •  कुछ सेकंड विश्राम करें इसके बाद दोबारा से मंडूक आसन का अभ्यास कर सकते है। या अन्य अभ्यास कर सकते है।


mandukasana

                                     
लाभ Benefits 

  • मंडूकासन हमारी पेनक्रियाज, एड्रिनल और प्रोटेस्ट ग्रंथि के श्राव को संतुलित करता है। जिसमें पैंक्रियाज बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो इंसुलिन बनाती है। 


  • मधुमेह में पैंक्रियास ग्रंथि इंसुलिन बनाना बंद कर देती है। जिसको मंडूकासन सक्रिय करता है और पैंक्रियास ग्रंथि इंसुलिन बनाना शुरु कर देती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों के लिए मंडूकासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है।


  • कमर में किसी भी प्रकार का दर्द, रीढ़ की हड्डी में तनाव को मंडूकासन दूर करता है। परंतु अत्यधिक दर्द होने पर मंडूक आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  • पेट की चर्बी को कम करता है


  •  साइटिका की नस नाड़ियों को मजबूती प्रदान करता है।


  • निरंतर अभ्यास से स्लिप डिस्क का खतरा खत्म हो जाता है।


  •  जांघ व कूल्हे के जोड़ों को मजबूती प्रदान करता है। 


  • हटी हुई नाभि को अपनी जगह पर लाने में मदद करता है। 


  • पेट के अंगों की मालिश करता है, व पेट की अतिरिक्त वसा को गायब करता है।


  •  पेट में कब्ज, गैस, अपच... मैं बहुत लाभदायक है।


  •  यह तनाव, चिंता, अवसाद... के रोगियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है।


सावधानियां  Precautions



  • वैसे मंडूकासन पीठ दर्द में लाभदायक है, लेकिन अत्यधिक दर्द होने पर आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  •  हार्ट के पेशेंट या बाईपास सर्जरी के मरीजों को मंडूक आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  •  अल्सर के मरीजों को मंडूक आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  • पेट पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए।


  •  हाई बीपी, अनिद्रा और माइग्रेन के रोगियों को मंडूक आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  •  जिनके घुटनों में दर्द हो उन्हें मंडूक आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  •  गर्भवती स्त्रियों को मंडूक आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए


  •  कोई भी समस्या होने पर योग्य योग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।


 #kailashbabuyoga


 धन्यवाद










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